सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

पंचायत चुनाव आरक्षण लिस्ट ऐसे देखें - Gram Panchayat Chunav Reservation List 2021

यूपी पंचायत चुनाव की आरक्षण लिस्ट जारी कर दी गई है। आपके ब्लॉक में लिस्ट चस्पा कर दी जाएगी। लेकिन आप इसे ऑनलाइन कैसे देख सकते हो इसके लिए ही इस आर्टिकल तक पहुंचे हो।

Up Panchayat Chunav 2021, Up Panchayat Chunav Reservation List

नमस्कार, आदाब मैं हूं अवनीश कुमार मिश्रा


पंचायत चुनाव 2021 (Up Panchayat Election) का बिगुल बज चुका है। कोरोना के कारण 2020 में चुनाव नहीं हो पाया था। मगर अब मोहर लग चुकी है। मगर सभी लोगों की नज़र इस पर बनी हुई है कि आरक्षण की लिस्ट कब आयेगी। तो उन लोगों की इलेक्शन कमीशन ने सुन लिया है। 


आपने शायद सुन भी लिया होगा कि 2 मार्च 2021 को आरक्षण की लिस्ट आ जायेगी। और हां आ चुकी है। आपके ब्लॉक पर इसकी लिस्ट चस्पा दी गई है। जहां से आप पता लगा सकते हो। लेकिन आपको ऑनलाइन देखने का मन होगा और आप इसीलिए आए हो इस आर्टिकल को पढ़ने।


तो आपको बता दें कि आप यूपी इलेक्शन कमीशन की ऑफिशियल वेबसाइट के आरक्षण वाले पेज का सीधा लिंक है - http://sec.up.nic.in/ElecLive/SearchReservationOnPost.aspx पर जाएं। वहां अपना जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत का नाम चुनकर अपने ग्राम पंचायत की आरक्षण स्थित जान सकते हो।
हो सकता है ऊपर दी गई लिंक काम न करे, क्योंकि वेबसाइट काफ़ी स्लो चल रही है।
आप यूपी इलेक्शन कमीशन के ऑफिशियल वेबसाइट का होम पेज का लिंक http://sec.up.nic.in पर जाएं और Urban Local Body & Panchayat वाले टैब पर क्लिक करें। फिर Panchayat Reservation वाले टैब पर क्लिक करें। आप सीधा पहुंच जाएंगे। जैसा कि ऊपर लिंक दिया गया है। वैसे प्रोसेस करें। 

प्रश्न 1 - Panchayat Chunav 2021 की Reservation स्तिथि कैसे देखें?

प्रश्न 2 - पंचायत चुनाव आरक्षण की लिस्ट कैसे देखें?

नोट - वेबसाइट काफ़ी स्लो चल रही है तो शायद ना चले, थोड़ा इंतजार करें। हमने एक ही वेबसाइट का दो तरीका बताया है। दोनो एक ही जगह पर जाकर रुकती है। बस समझाने के लिए दो बताए हैं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ की संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या । Meri Bhaw Badha Harau Doha Bihari Lal

"मेरी भव-बाधा हरौ" की संदर्भ सहित व्याख्या इस आर्टिकल में की गई है। जो कि रससिद्ध कवि बिहारी की रचना है। और खास बात यह है कि यह पद्यांश यूपी बोर्ड के 10वीं के हिन्दी के काव्य में "भक्ति" शीर्षक से है। तो अगर आप 10वीं में हो तो आपके लिए ये काम की आर्टिकल है। आपके परीक्षा में आ सकता है।  ये दोहा शीर्षक का पहला "दोहा" है। आपको ढूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "पद" के लिए अलग - आर्टिकल लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा अवनीश कुमार मिश्रा ने वे ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं) दोहा - मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ । जा तन की झांईं परै, स्यामु हरित-दुति होइ॥ संदर्भ - प्रस्तुत दोहा  हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में "भक्ति " शीर्षक से उद्धृत है , जोकि रीतिकाल के रससिद्ध कवि बिहारी द्वारा रचित ‘बिहारी सतसई’ नामक ग्रंथ से लिया गया है। प्रसंग - प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने राधा जी की वंदना की है। प्रस्तुत दोहे के कईं भाव हैं तो सभी को लिखा जा रहा है, जिससे समझने में आसानी हो। व्याख्या -   1

ऊधौ मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या । Udhav Mohi Braj Bisrat Nahi Soordas Ke Pad । Up Board Hindi 10th Syllabus

"ऊधौ मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं" की संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या इस आर्टिकल में की गई है। जो कि सूरदास जी की रचना है। और खास बात यह है कि यह पद्यांश यूपी बोर्ड के 10वीं के हिन्दी के काव्य में "पद" शीर्षक से है। तो अगर आप 10वीं में हो तो आपके लिए ये काम की आर्टिकल है। आपके परीक्षा में आ सकता है।  ये पद शीर्षक का सातवां "पद" है। आपको ढूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "पद" के लिए अलग - अलग आर्टिकल लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं) Up Board Class 10th "Kavyakhand" Chapter 1 "Surdas"   सूरदास जी का जीवन परिचय - Soordas Ji Ka Jivan Parichay | Biography Of Soordas In Hindi  यूपी 10वीं हिन्दी (काव्य) सूरदास के "पद" शीर्षक के और अन्य पदों को पढ़ें - चरन कमल बंदौ हरि राइ की संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Charan Kamal Bandau Hari Rai Soordas Ke Pad । UP Board 10th Syllabus  अबिगत - गति कछु कहत न आवै का संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । A

बलिहारी गुर आपणैं का संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "बलिहारी गुर आपणैं ‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है। आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)                               दोहा बलिहारी गुर आपणैं, द्यौहाड़ी कै बार। जिनि मानिष तैं देवता, करत न लागी बार॥ सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं। प्रसंग - कबीरदास ने प्रस्तुत दोहे में गुरु के प्रति अपनी भावना व्यक्त किया है और महिमा का वर्णन करते हुए उनपर न्यौछावर हो जाने की बात की है।  व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी गु