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सतगुरु की महिमा अनंत का संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "सतगुरु की महिमा अनंत ‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है।
आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)
                             दोहा

सतगुरु की महिमा अनंत, अनंत किया उपगार।
लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावणहार ।।

सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं।

प्रसंग - प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने अपने ऊपर गुरु द्वारा किए गए उपकार को बताया है। कि किस तरह गुरु ने मेरी आंखों को खोलकर सत्य का दर्शन करवाया है।

व्याख्या - प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी कहते हैं सतगुरु की महिमा का कोई सानी नहीं है। कोई भी अंत नहीं है अर्थात असीमित है क्योंकि उन्होंने मेरे ऊपर बहुत से उपकार किए हैं। कहने का अर्थ यह है की सतगुरु की महिमा असीमित है और उन्होंने मुझपर अनंत (असीमित) उपकार किये हैं। कबीरदास जी कहते हैं कि माया के कारण मेरी आँखें बंद पड़ी थी, सत्य मुझे दिखाई नहीं दे रहा था, सतगुरु ने मेरी आँखों को खोला और मुझे सत्य दिखाया, सत्य का दर्शन करवाने वाले ऐसे संत की महिमा असीमित और अपार है। कहने का तात्पर्य यह है कि सतगुरु ने हमारी अज्ञानता भरी आंखों को खोलकर ज्ञान (सत्यता) से मेल करवाया।

कठिन शब्दों के अर्थ - 

अनंत - असीमित
लोचन - आँख
उघाडिया - आँखों को खोला, सत्य दिखाना
उपगार - उपकार

Up Board Class 11th "Kavyakhand" Chapter 1 "Kabirdas" 

कबीरदास का साहित्यिक जीवन परिचय - Kabirdas Ka Jeevan Parichay | Biography Of Kabirdas In Hindi 

यूपी बोर्ड 11वीं हिन्दी (काव्य) कबीरदास के अन्य और पंक्तियों के हल


Keywords - 

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कबीर के दोहे साखी का अर्थ
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उघाड़िया का अर्थ
उपगार का अर्थ
सतगुरु के दोहे
उघाडिया का अर्थ
गुरु ज्ञान की महिमा
संत महिमा श्लोक
सतगुरु की महिमा अनंत दोहे का अर्थ
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गुरु पर दोहे अर्थ सहित 
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कबीर के दोहे साखी का अर्थ Class 10? 
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