'मखमल के झूले पड़े हाथी सा टीला' में कौन सा अलंकार है'। इसकी नॉलेज इस आर्टिकल में है। बहुत सारे एग्जाम्स जैसे - पुलिस, लेखपाल, पीसीएस आदि में ये पूछा जा सकता है। तो आपको अलंकार के साथ - साथ उसके बारे में काफ़ी अच्छे से बताएंगे। आप जानेंगे कि 'मखमल के झूले पड़े हाथी सा टीला' में अलंकार है तो कौन सा है? और क्यों है? 'मखमल के झूल पड़े हाथी - सा टीला 'में कौन सा अलंकार है?' के बारे में इस आर्टिकल में अवनीश कुमार मिश्रा ने अच्छे से बताया है ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं।
उत्तर -
'मखमल के झूल पड़े हाथी - सा टीला' में कौन सा अलंकार है? में उपमा अलंकार है। उपर्युक्त काव्य-पंक्ति में टीला उपमेय है, मखमल के झूल पड़े 'हाथी' उपमान है, 'सा' वाचक है; किन्तु इसमें साधारण धर्म नहीं है। वह छिपा हुआ है। कवि का आशय है– 'मखमल के झूले पड़े 'विशाल' हाथी-सा टीला' यहां विशाल जैसा कोई साधारण धर्म लुप्त है; अतः इस प्रकार की उपमा का प्रयोग 'लुप्तोपमा अलंकार कहलाता है।
अत्यंत सादृश्य के कारण सर्वथा भिन्न होते हुए भी जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना दूसरी प्रसिद्ध वस्तु या प्राणी से की जाती है, वहां उपमा अलंकार होता है। तो इस पंक्ति में भी ऐसा ही सीन है जैसा की उपमा अलंकार की परिभाषा है। तो यहां इस पंक्ति में उपमा अलंकार ही है।
Keywords -
मखमल के झूल पड़े हाथी-सा टीला
मखमल के झूले पड़े हाथी-सा टीला।
मखमल के झूल पड़े हाथी सा टीला का अर्थ
Makhmal Ke Jhoole Pade
Makhmal Ke Jhoole Pade Me Alankar
Makhmal Ke Jhoole Pade Me Kaun Sa Alankar Hai?
मखमल के झूले पड़े हाथी-सा टीला में कौन सा अलंकार है?
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