मलमास में नहाने के नाम पर हो रही है लड़कियों से छेड़खानी | परसपुर के बलमत्थर बरुहा घाट पर रोज़ हो रहे हैं ऐसे मामले
गोण्डा - मलमास का पावन महीना चल रहा है, नदियों में आस्था की डुबकी लग रही है। लोग रात 2 बजे से ही घाटों पर पहुंच जाते हैं स्नान करने। लेकिन वहां सिर्फ स्नान ही नहीं हो रहा है। बल्कि लड़कियों से बदतमीजी भी की जा रही है।
नमस्कार , आदाब मैं हूं अवनीश कुमार मिश्रा
बात करनैलगंज की करते हैं जहां सरयू नदी बहती है, कुछ - कुछ दूरी पर घाट बने हुए हैं जहां पर लोग शवों को जलाने, नहाने आदि करने जाते हैं। और इस मलमास महीने में लोग पुण्य बटोरने के लिहाज़ से हर रोज नदी में स्नान करने जा रहे हैं। जहां बच्चे, बुजुर्ग, युवा, सभी जाते हैं। वहीं अगर बात करें युवाओं की तो काफी संख्या में कुछ युवा लड़के ऐसे भी हैं जिनका मकसद नहाने आईं लड़कियों से छेड़खानी करना, घूरना, कमेंटबाजी करना है। ये हाल सभी घाटों का है लेकिन एक घाट के बारे में खबर मिली और जाकर देखा तो पाया की मामला सत्य है।
आपको बता दें कि गोण्डा जिले के करनैलगंज तहसील के परसपुर ब्लॉक के बलमत्थर (Belmatther) मौजे में स्थित बरूहा घाट (Baruha Ghat) पर रात 2 बजे से ही भीड़ लगनी चालू हो जाती है। जो की दोपहर तक चलती है। अंधेरे में ही महिलाएं और लड़कियां स्नान करने ज्यादा आती हैं ताकि नहाने में आसानी हो, खुलकर नहा सकें। लेकिन पुण्य करने के नाम पर कुछ युवा अंधेरे में ही आ जाते हैं और लड़कियों से बदसलूकी करते हैं। हालांकि ऐसा हम सारे लड़कों को नहीं कह रहे हैं। मगर काफी युवा ऐसे आते हैं जिनका मकसद सिर्फ लड़कियों से बदसलूकी करने का है। जो लड़कियों, महिलाओं के घर से लेकर रास्ते और नदी तक परेशान करते हैं और मौका मिलता होगा तो नहाते हुई लड़कियों का फोटो , वीडियो भी...
इस घाट के बारे में हम इतनी आसानी से इस लिए कह रहे हैं, क्योंकि यहां पर लड़कियों से छेड़खानी की खबरें रोज़ आती है। मगर कोई इसे ऊपर तक नहीं पहुंचाता है
ग्रामीणों की माने तो आज से पांच - छः दिन पहले की घटना की बात करें तो बरुहा घाट पर लड़कीबाज़ी के चक्कर में एक युवक की पिटाई भी हुई है। भीडतंत्र ने जमकर पीटा था।
और आज 2 अक्टूबर की बात करें तो कुछ बदतमीज युवा लड़कियों, महिलाओं से बदतमीजी करने के लिए हद ही पार कर गए। हुआ कुछ यूं कि महिलाओं के बीच में कुछ शरारती युवा जबरदस्ती नहाने लगे जिसका महिलाओं ने कड़ा विरोध किया।
दरअसल घाट के प्रबंधन टीम ने महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज़ से नदी के बीच में बांस - बल्लियां लगवा दी है। जिससे की कोई भी महिलाओं से बदतमीजी न कर पाए।
हालांकि हुए इन मामलों में डायल (112) पहुंची। और शांति माहौल बनाने की अपील की।
ऐसे में सवाल ये उठता है की कोई अपनी प्यारी गुड़िया को ऐसे कैसे भेज देगा नहाने के लिए जब रास्ते में कुकर्मी लोग हैं। जो कुत्ते की तरह नोचने के फ़िराक़ में रहते हैं।
ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि ऐसे लोगों के ऊपर एक्शन लें और घाटों पर पुलिस की व्यवस्था करें। ताकि किसी बहन - बेटियों के साथ कोई अप्रिय घटना न हो।
इस आर्टिकल se पूरी तरह सहमत हैं। Isme लिखी गई सारी बातें सत्य हैं ।। प्रशासन को उचित पुलिस व्यवस्था करवानी चाहिए...
जवाब देंहटाएंThanks Bhai
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