सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

काजल राघवानी अब देसी पौआ पीने लगी हैं | जानिये क्यों देसी पौआ पीने लगी हैं काजल | काजल राघवानी गम में चूर होकर देसी दारू पीने लगी हैं , जाने क्यों | काजल राघवानी की नई खबर

भोजीवुड - भोजपुरी फिल्मों की खूबसूरत एवं फेमस अभिनेत्री काजल राघवानी को कौन नहीं जानता है | भोजपुरी फिल्मों के दर्शकों में शायद ही ऐसा कोई हो जो उन्हें न जानता हो | काजल को न सिर्फ भोजपुरी बल्कि गुजराती , मराठी फिल्मों के दर्शक भी पहचानते हैं | क्योंकि गुजरात में तो काजल का जन्म ही हुआ है , फिल्में भी की है | और मराठी में तो इन्होंने अपनी पहली फिल्म की थी |
अपनी एक्टिंग और खूबसूरती के लिए दर्शकों के दिल में जगह बनाने वाली काजल राघवानी अब एक्टिंग के साथ - साथ सिंगिंग भी करने लगी हैं |
काजल का एक बेवफाई गाना इन दिनों रिलीज हुआ है | जो इनके फैंस को काफी पसंद आ रहा है |
जैसा कि आप जानते ही हो कि काजल इससे पहले भी कईं गाने गा चुकी हैं | फिलहाल जो गाना रिलीज हुआ उसका शीर्षक है 'देसी पौआ पीने लगी हूँ' | इसके गीतकार और संगीतकार श्याम देहाती हैं | इस गाने को 'Ananya Craft And Visions Music यूट्यूब चैनल पर 14 दिसम्बर 2018 को रिलीज किया गया है | अबतक इस गाने को 1 लाख 25 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं | यह गाना हिन्दी में है |

आइये कुछ और जानते हैं , इस गाने के बारे में -

गाना - देसी पौआ पीने लगी हूँ
गायिका - काजल राघवानी
गीतकार - श्याम देहाती
संगीतकार - श्याम देहाती
प्रोड्यूसर - अनंजय रघुराज
एडिटर - अभिषेक कुमार सिंह
म्यूजिक प्रोग्रामर - मन्नू
रिकार्डिस्ट - राकेश शर्मा
रिकार्डिंग स्टूडियो - आर एस रिकार्डिंग मुम्बई
लेबल - अनन्या क्राफ्ट एण्ड विजन्स म्यूजिक


जैसा कि आप लोग जानते ही हो कि काजल राघवानी के कितने फैंस हैं | जो कि कोई भी वीडियो आये तुरंत देखते हैं |
आपको तो पता ही होगा कि खेसारी लाल यादव व काजल राघवानी की जोड़ी भोजपुरी में कितना फेमस व हिट है |

आपको काजल राघवानी कैसी लगती हैं , कमेंट करके जरूर बतायें |

आपकी क्या राय है इस आर्टिकल के बारे में कमेंट में जरूर बतायें |

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो और आप इसी तरह के लेख पढ़ना चाहते हैं तो न्यूजलेटर में अपना ईमेल डाल कर सबमिट करें और ईमेल वेरीफिकेशन करके सबस्क्राइब करें या ऊपर आ रहे नोटिफिकेशन को Allow करके सबस्क्राइब करें ताकि आप ऐसी खबरें पा सको | अच्छा लगे तो शेयर करें |
                 
                 अवनीश कुमार मिश्रा

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बलिहारी गुर आपणैं का संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "बलिहारी गुर आपणैं ‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है। आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)                               दोहा बलिहारी गुर आपणैं, द्यौहाड़ी कै बार। जिनि मानिष तैं देवता, करत न लागी बार॥ सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं। प्रसंग - कबीरदास ने प्रस्तुत दोहे में गुरु के प्रति अपनी भावना व्यक्त किया है और महिमा का वर्णन करते हुए उनपर न्यौछावर हो जाने की बात की है।  व्याख्या - प्...

मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ की संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या । Meri Bhaw Badha Harau Doha Bihari Lal

"मेरी भव-बाधा हरौ" की संदर्भ सहित व्याख्या इस आर्टिकल में की गई है। जो कि रससिद्ध कवि बिहारी की रचना है। और खास बात यह है कि यह पद्यांश यूपी बोर्ड के 10वीं के हिन्दी के काव्य में "भक्ति" शीर्षक से है। तो अगर आप 10वीं में हो तो आपके लिए ये काम की आर्टिकल है। आपके परीक्षा में आ सकता है।  ये दोहा शीर्षक का पहला "दोहा" है। आपको ढूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "पद" के लिए अलग - आर्टिकल लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा अवनीश कुमार मिश्रा ने वे ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं) दोहा - मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ । जा तन की झांईं परै, स्यामु हरित-दुति होइ॥ संदर्भ - प्रस्तुत दोहा  हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में "भक्ति " शीर्षक से उद्धृत है , जोकि रीतिकाल के रससिद्ध कवि बिहारी द्वारा रचित ‘बिहारी सतसई’ नामक ग्रंथ से लिया गया है। प्रसंग - प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने राधा जी की वंदना की है। प्रस्तुत दोहे के कईं भाव हैं तो सभी को लिखा जा रहा है, जिससे समझने में आसानी हो। व्याख्या -   1...

ऊधौ मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या । Udhav Mohi Braj Bisrat Nahi Soordas Ke Pad । Up Board Hindi 10th Syllabus

"ऊधौ मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं" की संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या इस आर्टिकल में की गई है। जो कि सूरदास जी की रचना है। और खास बात यह है कि यह पद्यांश यूपी बोर्ड के 10वीं के हिन्दी के काव्य में "पद" शीर्षक से है। तो अगर आप 10वीं में हो तो आपके लिए ये काम की आर्टिकल है। आपके परीक्षा में आ सकता है।  ये पद शीर्षक का सातवां "पद" है। आपको ढूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "पद" के लिए अलग - अलग आर्टिकल लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं) Up Board Class 10th "Kavyakhand" Chapter 1 "Surdas"   सूरदास जी का जीवन परिचय - Soordas Ji Ka Jivan Parichay | Biography Of Soordas In Hindi  यूपी 10वीं हिन्दी (काव्य) सूरदास के "पद" शीर्षक के और अन्य पदों को पढ़ें - चरन कमल बंदौ हरि राइ की संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Charan Kamal Bandau Hari Rai Soordas Ke Pad । UP Board 10th Syllabus  अबिगत - गति कछु कहत न आवै का संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । A...