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दीपावली पर निबन्ध deepawali par nibandh , essay of deepawali

रूपरेखा - प्रस्तावना , मनाने का कारण , मनाने का कायदा (ढंग) , मनाने हेतु विशेष तैयारी , इस त्यौहार में फैलती कुप्रथा , उपसंहार
प्रस्तावना - हमारे देश भारत में बहुत से त्यौहार मनायें जातें है जैसे - होली , दशहरा आदि लेकिन इन सब में दीपावली का विशेष महत्व है |
दीपावली हमारे देश का एक ऐसा त्यौहार है जिसमें बड़ा ही उमंग है खास बच्चों के लिए |
यह त्यौहार एकता का प्रतीक है क्योंकि यह त्यौहार हिन्दू भाईयों के साथ - साथ बहुत स्थानों पर मुसलमान भाई भी मनाते हैं |
यह त्यौहार इसलिए भी मशहूर है एवं इस त्यौहार में इतनी उमंग इसलिए है क्योंकि राम रावण को मारकर एवं चौदह वर्ष का वनवास काटकर इसी दिन आयोध्या वापस आये थे |
तो राम के आने के खुशी में सभी अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाये थे |
यह दीपावली जिसका शाब्दिक अर्थ है दीप + अवली = दीपावली |
इन्हीं बातों से स्पष्ट हो जाता है कि ये दीपों का त्यौहार है |
इस त्यौहार के प्रति लोगों का आस्था है कि इस दिन दीपक जलाने से घर में लक्ष्मी आती हैं तो यही कारण है कि इस दिन गणेश एवं लक्ष्मी की पूजा - अर्चना की जाती है |
इस त्यौहार के दिन पूरे देश में उत्साह रहता है लोग पटाखे एवं फुलझड़ियाँ छोड़ते हैं |
घर में तरह - तरह के व्यंजन बनते हैं एवं मिठाईयाँ भी बनती है या लायी जाती है |
चाहे कोई कितना भी गरीब क्यों न हो
खासकर बच्चों में इस त्यौहार को लेकर खासा उत्साह रहता है |
मनाने का कारण :-
                       
                          दीपावली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है | इसे मनाने के कईं कारण है |
कोई कुछ कारण कहता है कोई कुछ
लेकिन विद्वानों के मुताबिक इस त्यौहार को मनाने का मुख्य कारण यह कि इसी दिन भगवान राम , लंका के राजा रावण का वध करके अर्थात विजय पाकर जब अयोध्या लौटे थे | तो अयोध्या वासियों ने राम , लक्ष्मण , सीता के आने के खुशी में घी के दीपक जलाये थे तभी से यह परम्परा चल पड़ी |
बाद में घी के दीपक जलाने के साथ - साथ लोग गोले , फुलझड़ी आदि जलाने लगे |
मनाने का कायदा (ढंग) :-
                                      दीपावली का त्यौहार बहुत प्रसिद्ध एवं मौज - मस्ती , खुशियों का त्यौहार है |
दीपावली का त्यौहार मनाने के लिए लोगो को बड़े बेसब्री से इंतजार रहता है |
दीपावली त्यौहार में लोग

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