सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

पीपर पात सरिस मन डोला में कौन सा अलंकार है । Gupshup News

'पीपर पात सरिस मन डोला में कौन सा अलंकार है'। इसकी नॉलेज इस आर्टिकल में है। बहुत सारे एग्जाम्स जैसे - यूपी बोर्ड परीक्षा, पुलिस, लेखपाल, पीसीएस आदि में ये पूछा जा सकता है। तो आपको अलंकार के साथ - साथ उसके बारे में काफ़ी अच्छे से बताएंगे। आप जानेंगे कि 'पीपर पात सरिस मन डोला कौन सा अलंकार है'। 'पीपर पात सरिस मन डोला Alankar' के बारे में इस आर्टिकल में अवनीश कुमार मिश्रा ने अच्छे से बताया है ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं।

प्रश्न - पीपर पात सरिस मन डोला में कौन सा अलंकार है?

उत्तर -

'पीपर पात सरिस मन डोला।' पंक्तियों में उपमा अलंकार है। यहां मन उपमेय, पीपर पात उपमान, सरिस वाचक पद एवं डोला साधारण धर्म है। अतः यहां पूर्ण उपमा अलंकार है।

Keywords -

पीपर पात सरिस मन डोला में कौन सा अलंकार है
पीपर पात सरिस मन डोला अलंकार
पीपर पात सरिस मन डोला में उपमेय क्या है
पीपर पात सरिस मन डोला कौन सा अलंकार है
पीपर पात सरिस मन डोला इसमें कौन सा अलंकार है
पीपर पात सरिस मन डोला किस अलंकार का उदाहरण है 
पीपर पात सरिस मन डोला यह कौन सा अलंकार है
पीपर पात सरिस मन डोला में
पीपर पात सरिस मन डोला अलंकार बताइए
पीपर पात सरिस मन डोला उत्तर
पीपर पात सरिस मन डोला काव्य पंक्ति में कौनसा अलंकार है
15 पीपर पात सरिस मन डोला में कौन सा अलंकार है?
15 पीपर पात सरिस मन डोला में कौन सा अलंकार है A यमक B उत्प्रेक्षा C उपमा D मानवीकरण?
पीपर पट साड़ी मन डोला में सजावट क्या है?
पीपर पात सरिस मन डोला पंक्ति में उपमान और उपमेय पद कौन से हैं?
पीपर पात सरिस मन डोला में उपमान क्या है
पीपर पात सरिस मन डोला में अलंकार क्या है
पीपर पात सरिस मन डोला में अलंकार है
पीपर पात सरिस मन डोला का अर्थ
पीपर पात सरिस मन डोला कौन सा अलंकार
पीपर पात सरिस मन डोला का स्पष्टीकरण
पीपर पात सरिस मन डोला में वाचक शब्द क्या है

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बलिहारी गुर आपणैं का संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "बलिहारी गुर आपणैं ‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है। आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)                               दोहा बलिहारी गुर आपणैं, द्यौहाड़ी कै बार। जिनि मानिष तैं देवता, करत न लागी बार॥ सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं। प्रसंग - कबीरदास ने प्रस्तुत दोहे में गुरु के प्रति अपनी भावना व्यक्त किया है और महिमा का वर्णन करते हुए उनपर न्यौछावर हो जाने की बात की है।  व्याख्या - प्...

मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ की संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या । Meri Bhaw Badha Harau Doha Bihari Lal

"मेरी भव-बाधा हरौ" की संदर्भ सहित व्याख्या इस आर्टिकल में की गई है। जो कि रससिद्ध कवि बिहारी की रचना है। और खास बात यह है कि यह पद्यांश यूपी बोर्ड के 10वीं के हिन्दी के काव्य में "भक्ति" शीर्षक से है। तो अगर आप 10वीं में हो तो आपके लिए ये काम की आर्टिकल है। आपके परीक्षा में आ सकता है।  ये दोहा शीर्षक का पहला "दोहा" है। आपको ढूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "पद" के लिए अलग - आर्टिकल लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा अवनीश कुमार मिश्रा ने वे ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं) दोहा - मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ । जा तन की झांईं परै, स्यामु हरित-दुति होइ॥ संदर्भ - प्रस्तुत दोहा  हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में "भक्ति " शीर्षक से उद्धृत है , जोकि रीतिकाल के रससिद्ध कवि बिहारी द्वारा रचित ‘बिहारी सतसई’ नामक ग्रंथ से लिया गया है। प्रसंग - प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने राधा जी की वंदना की है। प्रस्तुत दोहे के कईं भाव हैं तो सभी को लिखा जा रहा है, जिससे समझने में आसानी हो। व्याख्या -   1...

दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Deepak Diya Tel Bhar । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "दीपक दीया तेल भरि‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है। आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)                               दोहा दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट। पूरा किया बिसाहुणाँ, बहुरि न आवौं हट्ट॥ सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं। प्रसंग - प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने भक्ति पर बल देते हुए कहा कि इस योनि में भक्ति कर लेने से जीवन - मरण चक्र से मुक्ति मिल जाएगी। व्याख्या - प्रस्तुत पंक्ति...