सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सनी लियोन भी फेल : रिलीज हुआ बॉलीवुड का एक और गन्दा गाना , अपने बच्चों को मत दिखाना

बॉलीवुड - अपने गंदे वीडियो के लिए फेमस बॉलीवुड सिनेमा के लोग जो कर रहे हैं इस समय वो बहुत ही निंदनीय है | बॉलीवुड की गंदगी का सबूत एक हालिया रिलीज गाना दे रहा है | जिसमें हिरोइन के इतने गंदे सीन है कि आप दांत तले अंगुली दबा लेगें |
खैर बॉलीवुड में गंदगी की शुरुआत तो बहुत पहले ही हो गई थी | जिस्म सीरीज की फिल्में , रागिनी एमएमएस की फिल्में और अन्य कईं फिल्में तो पहले ही गंदगी मचा चुकी हैं | आज हाल यह कि आप बॉलीवुड के फिल्म एवं गाने परिवार वालों के साथ बैठकर नहीं देख सकते हो | पहले लोग किसी गंदी सीन के बारे में बात करते थे तो सनी लियोन का नाम पहले लते थे मगर अब उनसे आगे - आगे हैं अभिनेत्रियाँ | जल्द से नाम एवं पैंसे कमाने के चक्कर में अभिनेत्रियाँ ऐसे गन्दे सीन से भी परहेज नहीं करती |ऐसे ही एक गाना आजकल यूट्यूब पर रिलीज हुआ है जिसमें अभिनेत्री के बैक साइड कमर के नीचे चूमा - चाटा जाता है और उनके प्राइवेट पार्ट के अन्दर हांथ फेरा जाता है और कपड़े बिल्कुल छोटे हैं छोटे से भी छोटे | सारे अंग दिखते हैं |
हम आपको वे फोटो नहीं दिखा सकते है |

पेश है गाने के बारे में जानकारी -

गाना - तेरे जिस्म

सिंगर - अल्ताफ सैयद

कलाकार - सारा खान , अंगद हसीजा और अब्दुल लतीफ शेख

संगीत - अल्ताफ , मनी

गीत - आनन्द

लेबल - जी म्यूजिक कम्पनी

अगर आप भी इस गन्दे गाने को देखना चाहते हो तो वीडियो दे दिया है देख लीजिएगा | 
आपकी क्या राय है इसके बारे में कमेंट में जरूर बतायें |
अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो और आगे आप इसी तरह के आर्टिकल पढ़ना चाहते हैं | तो ऊपर दी गई लाल रंग की 'फॉलो' बटन को दबाकर फॉलो करें | अच्छा लगा हो तो लोगों में शेयर करें | 

                 अवनीश कुमार मिश्रा



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बलिहारी गुर आपणैं का संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "बलिहारी गुर आपणैं ‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है। आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)                               दोहा बलिहारी गुर आपणैं, द्यौहाड़ी कै बार। जिनि मानिष तैं देवता, करत न लागी बार॥ सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं। प्रसंग - कबीरदास ने प्रस्तुत दोहे में गुरु के प्रति अपनी भावना व्यक्त किया है और महिमा का वर्णन करते हुए उनपर न्यौछावर हो जाने की बात की है।  व्याख्या - प्...

मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ की संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या । Meri Bhaw Badha Harau Doha Bihari Lal

"मेरी भव-बाधा हरौ" की संदर्भ सहित व्याख्या इस आर्टिकल में की गई है। जो कि रससिद्ध कवि बिहारी की रचना है। और खास बात यह है कि यह पद्यांश यूपी बोर्ड के 10वीं के हिन्दी के काव्य में "भक्ति" शीर्षक से है। तो अगर आप 10वीं में हो तो आपके लिए ये काम की आर्टिकल है। आपके परीक्षा में आ सकता है।  ये दोहा शीर्षक का पहला "दोहा" है। आपको ढूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "पद" के लिए अलग - आर्टिकल लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा अवनीश कुमार मिश्रा ने वे ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं) दोहा - मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ । जा तन की झांईं परै, स्यामु हरित-दुति होइ॥ संदर्भ - प्रस्तुत दोहा  हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में "भक्ति " शीर्षक से उद्धृत है , जोकि रीतिकाल के रससिद्ध कवि बिहारी द्वारा रचित ‘बिहारी सतसई’ नामक ग्रंथ से लिया गया है। प्रसंग - प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने राधा जी की वंदना की है। प्रस्तुत दोहे के कईं भाव हैं तो सभी को लिखा जा रहा है, जिससे समझने में आसानी हो। व्याख्या -   1...

दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Deepak Diya Tel Bhar । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "दीपक दीया तेल भरि‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है। आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)                               दोहा दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट। पूरा किया बिसाहुणाँ, बहुरि न आवौं हट्ट॥ सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं। प्रसंग - प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने भक्ति पर बल देते हुए कहा कि इस योनि में भक्ति कर लेने से जीवन - मरण चक्र से मुक्ति मिल जाएगी। व्याख्या - प्रस्तुत पंक्ति...