सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

रिलीज हुआ 'दे दे न पगलिया' गाना 'नागदेव' फिल्म का , जाने कितनों ने देखा

स्वागत है आपका हम 'अवनीश कुमार मिश्रा' 

दोस्तों आज हम आपको बतायेंगे भोजपुरी की फिल्म 'नागदेव' के बारे में | जैसा कि आप लोग जानते होंगे कि इस फिल्म सुपरस्टार 'खेसारी लाल यादव' व 'काजल राघवानी' महत्वपूर्ण भूमिका में हैं | भोजपुरी के बेस्ट विलेन 'अवधेश मिश्रा' भी इस फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका में हैं | 

दोस्तों हम आपको बता दें कि इस फिल्म के कईं गाने रिलीज हो चुके हैं पर एक गाना जिसका नाम है 'दे दे न पगलिया' जो 30 अक्टूबर को शाम के समय रिलीज हो चुका है | 

 

इस गाने पर एक नजर - 

गायक/गायिका - खेसारी लाल यादव , प्रियंका सिंह 

गीतकार - आजाद सिंह 

संगीतकार - मधुकर आनन्द

यह गाना 'इंटरटेन म्यूजिक भोजपुरी' से रिलीज हुआ है , जो कि आडियो में ही है लेकिन कुछ झलक वीडियो के भी हैं | 

इस गाने को अब तक 9 लाख लोगो ने देखा है | फैंस लोग इस गाने को अच्छा रेटिंग दे रहे हैं अब तक 10 हजार लोगों ने इस गाने को लाइक किया है जो अच्छी बात है |

आप भी देखें गाना को और मजा लें 

इतने कम समय में इतने व्यूज होना ये दर्शाता है कि 'खेसारी लाल यादव' के फैंस उनके गानों के लिए कितने उतावले रहते हैं | और तब जब कम सबस्क्राइबर्स वाले चैनल पर गाना रिलीज हुआ हो |अब देखना ये है कि यह गाना कितने मिलियन पार करता है , सब फैंस इस गाने को जल्द ही एक करोड़ करना चाहते हैं |

आपको बता दें कि इस फिल्म में वी एफ एक्स का बहुत इस्तेमाल हुआ जो इसे भोजपुरी में अलग दर्जे की फिल्म बनाता है | यह फिल्म साउथ और हॉलीवुड को टक्कर देती नजर आती है |

दोस्तों आपको ये गाना कैसा लगा या फिर हमारा आर्टिकल आपको कितना पसंद आया कमेंट में जरूर बतायें | 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बलिहारी गुर आपणैं का संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "बलिहारी गुर आपणैं ‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है। आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)                               दोहा बलिहारी गुर आपणैं, द्यौहाड़ी कै बार। जिनि मानिष तैं देवता, करत न लागी बार॥ सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं। प्रसंग - कबीरदास ने प्रस्तुत दोहे में गुरु के प्रति अपनी भावना व्यक्त किया है और महिमा का वर्णन करते हुए उनपर न्यौछावर हो जाने की बात की है।  व्याख्या - प्...

मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ की संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या । Meri Bhaw Badha Harau Doha Bihari Lal

"मेरी भव-बाधा हरौ" की संदर्भ सहित व्याख्या इस आर्टिकल में की गई है। जो कि रससिद्ध कवि बिहारी की रचना है। और खास बात यह है कि यह पद्यांश यूपी बोर्ड के 10वीं के हिन्दी के काव्य में "भक्ति" शीर्षक से है। तो अगर आप 10वीं में हो तो आपके लिए ये काम की आर्टिकल है। आपके परीक्षा में आ सकता है।  ये दोहा शीर्षक का पहला "दोहा" है। आपको ढूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "पद" के लिए अलग - आर्टिकल लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा अवनीश कुमार मिश्रा ने वे ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं) दोहा - मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ । जा तन की झांईं परै, स्यामु हरित-दुति होइ॥ संदर्भ - प्रस्तुत दोहा  हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में "भक्ति " शीर्षक से उद्धृत है , जोकि रीतिकाल के रससिद्ध कवि बिहारी द्वारा रचित ‘बिहारी सतसई’ नामक ग्रंथ से लिया गया है। प्रसंग - प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने राधा जी की वंदना की है। प्रस्तुत दोहे के कईं भाव हैं तो सभी को लिखा जा रहा है, जिससे समझने में आसानी हो। व्याख्या -   1...

दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Deepak Diya Tel Bhar । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "दीपक दीया तेल भरि‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है। आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)                               दोहा दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट। पूरा किया बिसाहुणाँ, बहुरि न आवौं हट्ट॥ सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं। प्रसंग - प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने भक्ति पर बल देते हुए कहा कि इस योनि में भक्ति कर लेने से जीवन - मरण चक्र से मुक्ति मिल जाएगी। व्याख्या - प्रस्तुत पंक्ति...