सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Bhojpuri Actress Akshara Singh Beautiful Photo Viral | Looked at a jeans shirt । Gupshup News

भोजीवुड (मुंबई) - भोजपुरी की अभिनेत्री अक्षरा सिंह (akshara singh biography) भोजपुरी इंडस्ट्री की काफी खूबसूरत अभिनेत्री हैं। जो कि समय - समय पर अपने सोशल मीडिया पर काफी आकर्षक - आकर्षक फोटो शेयर करती रहती हैं। उनकी (akshara singh photo एक खूबसूरत तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
Bhojpuri Actress

नमस्कार, आदाब मैं हूं अवनीश कुमार मिश्रा

भोजपुरी महिला सुपरस्टार अक्षरा सिंह (akshara singh ka gana) ने डेनिम जीन्स शर्ट पहने एक तस्वीर अपने फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम (akshara singh instagram) पर शेयर की है। जिसमें वे काफी खूबसूरत लग रही हैं।
इस तस्वीर में अक्षरा सिंह हेडफोन फोन भी लगाए दिख रही हैं। 
ब्लू रंग के डेनिम शर्ट पहने अक्षरा के कानों में लटकन पहने हुए हैं, हाथों में वॉच और बाल को बांधे हुए नज़र आ रही हैं।
अक्षरा (akshara singh wiki) के इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर उनके फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। और काफी अच्छे - अच्छे कमेंट कर रहे हैं 
जैसा कि आपको पता ही होगा कि अक्षरा सिंह भोजपुरी में सबसे अलग एक्ट्रेस हैं और अपनी बातों को खुलकर बोलने में तनिक भी नहीं सकुचती हैं। जो कि हर किसी के बस की बात नहीं है।
पिछले साल भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह (akshara singh husband name) से उनकी भिड़ंत (akshara ka natak) काफी चर्चित रही थी। अक्षरा, पवन से किसी मामले में तनिक भी कम नज़र नहीं आईं थीं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बलिहारी गुर आपणैं का संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "बलिहारी गुर आपणैं ‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है। आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)                               दोहा बलिहारी गुर आपणैं, द्यौहाड़ी कै बार। जिनि मानिष तैं देवता, करत न लागी बार॥ सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं। प्रसंग - कबीरदास ने प्रस्तुत दोहे में गुरु के प्रति अपनी भावना व्यक्त किया है और महिमा का वर्णन करते हुए उनपर न्यौछावर हो जाने की बात की है।  व्याख्या - प्...

मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ की संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या । Meri Bhaw Badha Harau Doha Bihari Lal

"मेरी भव-बाधा हरौ" की संदर्भ सहित व्याख्या इस आर्टिकल में की गई है। जो कि रससिद्ध कवि बिहारी की रचना है। और खास बात यह है कि यह पद्यांश यूपी बोर्ड के 10वीं के हिन्दी के काव्य में "भक्ति" शीर्षक से है। तो अगर आप 10वीं में हो तो आपके लिए ये काम की आर्टिकल है। आपके परीक्षा में आ सकता है।  ये दोहा शीर्षक का पहला "दोहा" है। आपको ढूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "पद" के लिए अलग - आर्टिकल लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा अवनीश कुमार मिश्रा ने वे ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं) दोहा - मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ । जा तन की झांईं परै, स्यामु हरित-दुति होइ॥ संदर्भ - प्रस्तुत दोहा  हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में "भक्ति " शीर्षक से उद्धृत है , जोकि रीतिकाल के रससिद्ध कवि बिहारी द्वारा रचित ‘बिहारी सतसई’ नामक ग्रंथ से लिया गया है। प्रसंग - प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने राधा जी की वंदना की है। प्रस्तुत दोहे के कईं भाव हैं तो सभी को लिखा जा रहा है, जिससे समझने में आसानी हो। व्याख्या -   1...

दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट संदर्भ , प्रसंग सहित व्याख्या । Deepak Diya Tel Bhar । Sakhi । Kabeer Ke Dohe Class 11 Up Board Solutions

प्रस्तुत पद्यांश "दीपक दीया तेल भरि‘" का संदर्भ , प्रसंग , व्याख्या , काव्य सौंदर्य तथा शब्दार्थ इस आर्टिकल में लिखा गया है। जो की कबीरदास जी की रचना है , ये छात्रों के लिए काफी मददगार होने वाला है। खास बात यह है कि अगर आप यूपी बोर्ड के 11वीं में हो तो हिंदी के "काव्य" पाठ 1 में "साखी" शीर्षक से है। आपको दूढ़ने में दिक्कत ना हो इसलिए हर एक "दोहे" का आर्टिकल अलग - लिखा गया है। (यह आर्टिकल आप Gupshup News वेबसाइट पर पढ़ रहे हो जिसे लिखा है, अवनीश कुमार मिश्रा ने, ये ही इस वेबसाइट के ऑनर हैं)                               दोहा दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट। पूरा किया बिसाहुणाँ, बहुरि न आवौं हट्ट॥ सन्दर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के "काव्य खंड" में ‘साखी’ शीर्षक से उद्धृत है, जो साखी ग्रंथ से लिया गया है। जिसके रचयिता कबीरदास जी हैं। प्रसंग - प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने भक्ति पर बल देते हुए कहा कि इस योनि में भक्ति कर लेने से जीवन - मरण चक्र से मुक्ति मिल जाएगी। व्याख्या - प्रस्तुत पंक्ति...